kiss a tale एक कथा को चूमें, और खुशी से झूमें हम ... क़िस्से ठिलाते, खिलखिलाते - एक प्यारी सी अनुभूति, पॉडकास्ट, दृश्य-श्रव्य, कथन-श्रवण...

Saturday, May 18, 2024

माँ बनाम दुधारू गाय (रेडियो नाटक)

माँ बनाम दुधारू गाय (रेडियो नाटक)

अनुराग शर्मा

कथा, पटकथा: अनुराग शर्मा


पात्र (9):
टीवी होस्ट
न्यूज़ रिपोर्टर
जज
वकील 1 (आरोप पक्ष)
वकील 2 (बचाव पक्ष)
अनारकली (पड़ोसन)
पति (मिस्टर किंग)
पत्नी (मिसेज़ क्वीन)
बेटा (मास्टर प्रिंस)
***

[स्टुडियो से]

टीवी होस्ट: सबसे आगे, जल्दी भागे, चैनल के सभी भोले-भाले दर्शकों, हम अपने स्टुडियो से आपके लिये लाते हैं रोज़ नयी-नयी सनसनीखेज़ खबरें, जिनमें से कई बाद में अफ़वाह भी साबित हो जाती हैं, लेकिन सबसे आगे भागने के लिये यह खतरा तो उठाना ही पड़ता है। इसी सिलसिले में आज हम लाये हैं, एक कोर्ट ड्रामा – लाइव - जो अभी... इसी समय घट रहा है। दिल्ली या मुम्बई नहीं, दोहा या क़तार नहीं, सिंगापुर या हॉङ्गकॉङ्ग नहीं, बल्कि सीधा अमरीक्का में। जी हाँ, यह कोर्ट केस है इंडियन ओरिजिन के बिज़नेस टाइकून, किंग, क्वीन, एंड प्रिंस ग्रुप ऑफ़ कम्पनीज़ के मालिक मिस्टर किंग और उनकी पत्नी मिसेज़ क्वीन के तलाक़ के मुकदमे का। तो देखते रहिये, बंद खिड़कियों में झाँककर, दीवारें फांदकर, और पाइपों से चढ़कर आपके लिये नित नये स्कूप लाने वाला चैनल – आपके लिये हम साइकल चुरा सकते हैं, प्लेन हाइजैक कर सकते हैं, लेकिन रहेंगे - सबसे आगे, जल्दी भागे। रिमोट न छुएँ, नहीं तो आप मिस कर देंगे कि मिसेज़ क्वीन ने अपने पति पर कैसे-कैसे आरोप लगाये हैं। 

[सड़क, चलती जनता, व ट्रैफ़िक की आवाज़]   

न्यूज़ रिपोर्टर: तो हमारे तेज़तरीन चैनल ‘सबसे आगे, जल्दी भागे’ के दर्शकों, जैसा कि आप देख रहे हैं, अंदरूरे मुल्क से हम यहाँ अदालत के बाहर खड़े हैं, एक ऐसा मुकदमा कवर करने के लिये जिसने पूरे शहर को, बल्कि पूरे अमरीका को, बल्कि हिंदुस्तान को भी हिला दिया है। हर कोई इस अनूठे मुकदमे का अपडेट जानने को उत्सुक है। हम कोर्टरूम के अंदर से लाइव प्रसारण नहीं कर सकते लेकिन हमारे साथी रिपोर्टर वहाँ के ज़र्रे-ज़र्रे पर नज़र रखे हुए हैं, और बीच-बीच में बाहर आकर आपको अपडेट देते रहेंगे। अपने भोले-भाले दर्शकों को हम बता दें कि अमरीका की अदालतें हिंदी फ़िल्मों की अदालतों से अलग होती हैं। यहाँ जज नहीं होते जूरी होती है... हैं? क्या? वाट? वाट? हाँ हाँ ठीक है, मुझे सब पता है। ... तो दर्शकों, सॉरी फ़ॉर दि इंटरप्शन - जैसा कि मैं आपको बता रहा था अमरीका की अदालतों में जज भी होते हैं, और जूरी भी होती है। इस मुकदमे में बस जज है, जूरी नहीं है।  

[अदालत की शांति]

वकील 2 (बचाव पक्ष): मिलॉर्ड, मेरे मुवक्किल के बारे में सभी पड़ोसियों और उसके कोलीग्स ने जैसा बताया उससे साफ़ ज़ाहिर है कि मेरा मुवक्किल एक सीधा-सादा और बेहद भला आदमी है। वह तलाक़ और मुआवजे की मांगों को बिना शर्त मान रहा है। लेकिन वह मास्टर प्रिंस की कस्टडी अपनी पत्नी पर नहीं छोड़ना चाहता है। हुज़ूर, यह बात पूरे अमेरिका में जगज़ाहिर है कि बेटे की कस्टडी के लिये मिस्टर किंग मिसेज़ क्वीन से अधिक योग्य हैं।
मिसेज़ क्वीन: मैंने अपने बेटे तो नौ महीने पेट में रखा है। मैं उसकी कस्टडी नहीं दूंगी। इस आदमी को तो बिल्कुल नहीं। इसका कोई पता नहीं कि यह मेरा बदला मेरे बेटे से ही लेने लगे।
वकील 2 (बचाव पक्ष): मिलॉर्ड, मेरे मुवक्किल भी अपने बेटे को नौ महीने पेट में रखना चाहते थे, मगर नेचर इसकी इजाज़त नहीं देती। इस जेंडर डिस्क्रिमिनेशन में उनका कोई दोष नहीं है।

[ऑडियेंस के ठहाके]

जज: ऑर्डेर, ऑर्डर
वकील 1 (आरोप पक्ष): मिलॉर्ड, मिस्टर किंग को कस्टडी नहीं दी जा सकती है। वे अपनी पत्नी से लगातार दुर्व्यवहार करते थे। आपकी आज्ञा हो तो अभी मेरे पास एक गवाह और है। 
जज: इजाज़त है
वकील 1 (आरोप पक्ष): अनारकली जी, आप मिस्टर किंग और मिसेज़ क्वीन के बारे में क्या जानती हैं?
अनारकली: मैं इनकी पड़ोसन हूँ। जब मिसेज़ क्वीन प्रेग्नेंट थीं तब मिस्टर किंग उनसे लड़ते थे। घर में रोज़ झगड़ा होता था। मैं कामवाली बाई मिस खोजी से एक-एक मिनट की पूरी खबर लेती थी।
जज: मिसेज़ क्वीन, क्या यह बात सच है? आपकी प्रेगनेंसी के वक़्त आपके पति आपसे लड़ते थे? 
मिसेज़ क्वीन: जी हाँ, मुझे बहुत सताते थे। (सुबकते हुए) एक बार तो मैं गुस्से में घर से ही निकल गयी थी।
जज: मिस्टर किंग, किस बात का झगड़ा था? 
मिस्टर किंग: जी, (सकुचाते हुए) कहानी बहुत लम्बी है। अपनी फ़िगर के प्रति बहुत सचेत है। वह नहीं चाहती थी कि हम कोई बच्चा पैदा करें। उसकी खुशी के लिये मैं इस बात पर राज़ी भी हो गया था। कुछ समय तक सब ठीक रहा फिर दुर्भाग्य से कुछ समय बाद मेरी पत्नी की किसी सहेली का तलाक़ हो गया। उस सहेली के कोई बच्चा नहीं था। तब से मेरी पत्नी रोज़ मुझे ताने देने लगी कि मैं कोई बच्चा नहीं चाहता हूँ ताकि जब मन आये तो मैं उसे तलाक़ दे दूंगा। मैंने याद दिलाया कि बच्चा तो उसकी अपनी प्रीफ़रेंस के कारण नहीं है। लेकिन मीलॉर्ड, कोई फ़ायदा नहीं हुआ, रोज़ झगड़ा होने लगा। एक महीने की लड़ाई के बाद मुझे समझ आ गया कि बात करने का कोई फ़ायदा नहीं है। और इस तरह हम लोगों ने दो से तीन होने की तैयारी की।  
अनारकली: सर, ये लोग बाद में भी लड़ते थे...
जज: मिस्टर किंग, बताइये तो ज़रा...
मिस्टर किंग: जी, बताता हूँ। प्रेग्नेंसी की पुष्टि से मैं बहुत खुश था। मैंने बेटा-बेटी दोनों तरह के नाम सोच लिये थे। पत्नी को खुश रखना चाहता थी, रोज़ पास आकर बात करना चाहता था लेकिन उसका मूड ऑफ़ ही रहता था। शुरुआत में सारा दिन रोती रहती थी। उसके बाद अबॉर्शन कराने की ज़िद करने लगी। मैं जानता था कि अबॉर्शन उसका अधिकार है लेकिन मैं अपने अजन्मे बच्चे की हत्या के पक्ष में नहीं था। उसे हर प्रकार से समझाने की कोशिश की लेकिन झगड़ा हमारे घर का रोज़ का नियम हो गया था। एक बार अकेली ही अबॉर्शन के लिये निकल पड़ी। (रुककर) इन्हीं सब बातों की खबर अनारकली जी को मिलती होगी। (रुककर) फ़ाइनली, दिल पर पत्थर रखकर एक दिन मैंने इनकी गाइनॉकॉलॉजिस्ट से सलाह ली तो पता लगा कि सुरक्षित गर्भपात की अवधि निकल चुकी थी। 
मिसेज़ क्वीन: (अचानक से) हाँ, इस आदमी की, मतलब, हम लोगों की... कैलकुलेशन में ग़लती हुई थी... शायद... अब याद नहीं (सुबक, सुबक)
जज: आपकी बात पूरी हुई, अब मिसेज़ क्वीन के वकील का मौका है।
वकील 1 (आरोप पक्ष): हुज़ूर, एक बार फिर देखिये। तमाम गवाहों ने जो कुछ भी कहा हो उससे अलग, खचाखच भरे इस कोर्टरूम में, जलती आँखों से घूरते हुए चेहरों के बीच भी इस आदमी ने ज़रा भी भावुकता नहीं दिखाई है। इसने अब तक वैवाहिक बलात्कार के आरोप पर भी कोई सफ़ाई नहीं दी है। वह चुप रहा है। क्या एक निरपराध कभी चुप रहता है? सच की आवाज़ को कोई दबा नहीं सकता हुज़ूर्। इस भोली-भाली पत्नी को सताने वाले इस वहशी की आँखों में देखिये मिलॉर्ड। मुझे इसकी आँखों में कोई अफ़सोस नज़र नहीं आता। इस कटघरे में यह एक पेशेवर अपराधी की तरह ऐसे खड़ा है जैसे सारा दोष मिसेज़ क्वीन का ही है और इसने कभी कुछ किया ही न हो। 
जज: निर्णय सुनाने से पहले मैं बचाव पक्ष के वकील से आखिरी बार पूछना चाहता हूँ - आपको या आपके मुवक्किल को कुछ और कहना है?
वकील 2 (बचाव पक्ष): जी नहीं। मेरे मुवक्किल ने तलाक़ की सहमति दे दी है। इन्होंने, न तो मासिक भुगतान की रकम में कोई रियायत मांगी है और न ही एकमुश्त मुआवजे की राशि पर आपत्ति की है। वे केवल अपने बेटे की कस्टडी चाहते हैं।
जज: तलाक़ मंज़ूर किया जाता है। मिसेज़ क्वीन को एकमुश्त मुआवजा देने के लिये आपके पास 30 तारीख तक का समय है मिस्टर किंग, … और हर महीने की 5 तारीख को मिस्टर किंग के बैंक खाते से मिसेज़ क्वीन के बैंक खाते में मासिक भुगतान करने के स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शंस इसी महीने दे दिये जायें। दोनों पक्षों ने मास्टर प्रिंस की कस्टडी मांगी थी। उनकी कम उम्र को देखते हुए उनके बालिग़ होने तक उनकी कस्टडी मिसेज़ क्वीन को दी जाती है। कल आप लोग चाइल्ड वेल्फ़ेयर ऑफ़िस जाकर मास्टर प्रिंस और मिस्टर किंग की साप्ताहिक मिलाप की विज़िट्स के डिटेल्स वर्क आउट कर लीजिये।
वकील 1 (आरोप पक्ष): मिलॉर्ड, मेरी मुवक्किल आपके फ़ैसले से बहुत खुश है। उनकी सब इच्छाएँ पूरी हुईँ। इतने स्पष्ट न्याय के लिये आपका धन्यवाद!

[अदालत के बाहर]

रिपोर्टर: सबसे आगे, जल्दी भागे चैनल के दर्शकों, मुझे पता है कि आप इस दशक के सबसे बड़े मुक़दमे का फ़ैसला जानने के लिये बेचैन हैं। मुकदमे की कार्यवाही पूरी हो चुकी है, फ़ैसला आ चुका है। उम्मीद थी कि लड़ाई जबरदस्त होगी लेकिन मिस्टर किंग ने बहुत जल्दी – इतनी जल्दी भी क्या थी? - हथियार डाल दिये और उनकी तरफ़ से किसी बात का कोई खास विरोध नहीं हुआ। सच तो यह है कि मिस्टर किंग यह मुकदमा बुरी तरह से हार गये हैं। ज़ूम करो ज़ूम, जल्दी... अब सब लोग अदालत से बाहर आ रहे हैं। मास्टर प्रिंस अपनी माँ के साथ हैं जिनकी गर्दन गर्व से उठी हुई है। मिसेज़ क्वीन के प्रशंसकों की भीड़ उनके साथ है। कुछ ही दूर मिस्टर किग अपने वकील के साथ अकेले खड़े हैं। कैमरा उधर करो, अरे उधर नहीं, उधर, … मिस्टर किंग पर फ़ोकस करो। ... तो दर्शकों, जैसा कि आप देख पा रहे हैं मिस्टर किंग अपनी पूर्व-पत्नी की ओर बढ़ रहे हैं। मिसेज़ क्वीन उन्हें गुस्से से देख रही हैं। मिसेज़ क्वीन को उनके सगे परिवार घेरकर पीछे कर लिया है। सबका ध्यान मिसेज़ क्वीन पर है। अरे, ये मैं क्या देख रहा हूँ? कमाल की बात है, उनमें से किसी को मास्टर प्रिंस का ध्यान नहीं है। मास्टर प्रिंस कहाँ चला? अरे, रोको कोई, वह तो चला जा रहा है। अच्छा बेट्टा, … समझ गया, वह अपने पापा की ओर जा रहा है। दोनों पास आ गये हैं। अरे, दोनों कैसे प्रेम-विह्वल दृष्टि से एक दूसरे को देख रहे हैं। बेटा पिता से लिपट गया है। पिता उसके सिर पर हाथ फेर रहे हैं। फोकस, फोकस करो, … मिसेज़ क्वीन भी अपने परिवार का घेरा छोड़कर उधर ही जा रही हैं... तेज़ी से उधर चलो। पास से देखते हैं, … और अपने दर्शकों को दिखाते हैं, सबसे आगे, तेज़ भागे।

[सरपट दौड़ने की आवाज़]

मिस्टर किंग: अपना और माँ का ध्यान रखना बेटा, कभी भी मेरी याद आये तो बात कर लेना।
मिसेज़ क्वीन: दूर हटो, छोड़ो उसे, उससे दूर रहो
मिस्टर किंग: जाता हूँ, बस एक मिनट, बाप-बेटे की छोटी सी बात हो जाये ...
मिसेज़ क्वीन: (व्यंग्य से दोहराते हुए) बाप-बेटे की छोटी सी बात... (क्रोध से) ज़्यादा तनो मत, तुम्हारा बेटा नहीं है वह... ऊप्स!
मिस्टर किंग: (धीमे से) मुझे पता है…
मिसेज़ क्वीन: क्या मतलब, पता है? तो चोरी-चोरी डीएनए टेस्ट भी करा चुके हो? शक्की आदमी... डूब मरो...
मिस्टर किंग: मुझे डीएनए टेस्ट की परवाह नहीं, लेकिन... तुम्हारे व्यवहार, कंसेप्शन की तारीख, और बच्चे के ब्लड ग्रुप ने कब का सच उगल दिया था।
मिसेज़ क्वीन: ब्लड ग्रुप्स कब से पेटर्निटी बताने लगे?
मिस्टर किंग: बता न सकें, लेकिन नकार तो सकते हैं। तुम ए प्लस, मैं ओ माइनस, और हमारा बेटा बी पॉज़िटिव, मुझे तो खैर उसके जन्म से पहले ही पता था कि मैं उसका जैविक पिता नहीं हूँ, लेकिन ..." 
मिसेज़ क्वीन: झूठ मत बोलो! तुम्हें पता होता तो मुझसे पहले तुम दौड़ते अबॉर्शन कराने। मर्द सब कुत्ते होते हैं...
मिस्टर किंग: सब नहीं, सबको नहीं जानतीं तुम। बच्चे की रक्षा मेरा कर्तव्य था, प्रिंस पर आँच नहीं आने देता मैं।
मिसेज़ क्वीन: इत्ते महान नहीं हो तुम। शर्म करो, पता भी नहीं क्या बोलता है यह आदमी... 
मास्टर प्रिंस: पापा, पापा, मैं आपको बहुत मिस करूंगा...
मिस्टर किंग: हम हर हफ्ते मिलेंगे बेटा। तुम जो भी करोगे दिल लगाकर करोगे, और अपने माँ-पापा का नाम रोशन करोगे बेटा। 

[चुम्बन की आवाज़]

मास्टर प्रिंस: पापा, आप एक दुधारू गाय हैं, एक दिन अंकल मम्मा से कह रहे थे, मैंने छिपकर सुना था, … (बड़ी मासूमियत से) दुधारू गाय क्या होता है पापा?
मिस्टर किंग: दुधारू गाय, वह होती है जो अपने-पराये सब बच्चों का ख्याल रखे। दुधारू गाय, मतलब दूध देने वाली गाय, यानी सबकी माँ।
मास्टर प्रिंस: समझ गया पापा। बड़ा होकर मैं भी आपकी तरह सबकी माँ बनूंगा।
रिपोर्टर: वाह, क्या बात कही है मास्टर प्रिंस ने! बाप तो पहले ही माँ बन गया, अब बेटा भी माँ बनना चाहता है। खैर, समझ अपनी-अपनी ख्याल अपना-अपना। चलिये मैं आपको वापस ले चलता हूँ स्टूडिओ में, देखते रहिये, सबसे आगे, जल्दी भागे। ... अरे वापिस कनेक्ट करो यार। … लगता है सेटेलाइट लिंक में खराबी है।

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