kiss a tale एक कथा को चूमें, और खुशी से झूमें हम ... क़िस्से ठिलाते, खिलखिलाते - एक प्यारी सी अनुभूति, पॉडकास्ट, दृश्य-श्रव्य, कथन-श्रवण...

Saturday, May 18, 2024

पूजा अनिल

पूजा अनिल

पूजा अनिल
जन्म: 12 अक्टूबर,  उदयपुर (राजस्थान)
शिक्षा: स्नातकोत्तर (प्राणि विज्ञान)
निवास: मद्रिद, स्पेन

सम्मान: विश्व हिंदी सचिवालय द्वारा आयोजित लेखन प्रतियोगिता 2022 -2023 (एक हिंदी लेखक का साक्षात्कार) में पूजा अनिल को यूरोप क्षेत्र में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ।

शिक्षण: स्पेन की राजधानी मद्रिद में हिंदी गुरुकुल स्पेन की स्थापना के साथ सन् 2008 से मद्रिद में हिंदी कक्षाओं का संचालन करते हुए 12 से अधिक राष्ट्रों के विद्यार्थियों को हिन्दी भाषा ज्ञान दे चुकी हैं। इन्होंने विदेशी विद्यार्थियों के लिए हिंदी सीखने के रुचिकर नए प्रयोग किये हैं तथा भारत से बाहर हिंदी को प्रतिष्ठा दिलाने में सहयोग किया है। इनकी ऑनलाइन हिंदी कक्षा के द्वारा अनेक विदेशी विद्यार्थी लाभान्वित होते हैं। हिंदी गुरुकुल की अन्य गतिविधियों में ये अंतरराष्ट्रीय स्तर के कवि सम्मेलन, कथाकार संगम एवं साक्षात्कार आयोजित कर बड़ी कुशलता से संचालन भी करती हैं।

प्रकाशन: एकल कहानी संग्रह 'तुम नासमझ' फरवरी 2023 में केंद्रीय हिंदी संस्थान द्वारा प्रकाशित।

हिंदीभाषा में विविध विधाओं में उनकी रचनाएँ भारत की कई प्रसिद्ध पत्र पत्रिकाओं (पाखी, मधुराक्षर, कादम्बिनी, नई दुनिया, अनुभूति, सेतु, उर्वशी , गर्भनाल इत्यादि) में प्रकाशित हो चुकी हैं। हिंदी के कुछ साझा संग्रह में भी इनकी कविताएँ प्रकाशित हो चुकी हैं इनके लिखे गीत संगीतबद्ध किये गए हैं। जिनमें से एक गीत फिल्म में लिया गया है तथा कुछ अन्य गीतों पर प्राइवेट विडियो बने हैं। वे हिंदी एवं स्पेनिश दोनों ही भाषाओं में कवितायें लिखती हैं और परस्पर अनुवाद भी करती हैं। इनके अनुवाद आप सदानीरा पत्रिका में पढ़ सकते हैं।

प्रतिभा संपन्न पूजा एक पॉडकास्टर भी हैं और साल 2009 से अब तक हिंदी पॉडकास्टिंग की दुनिया में अग्रणी भूमिका निभाई है। कहानी, कविता, स्पेन के बारे मैं जानकारी के पॉडकास्ट के अलावा रेडियो नाटक लेखन, निर्माण एवं निर्देशन में आज भी सक्रिय हैं। इनके बनाए रेडियो नाटक बेहद पसंद किए गए हैं । इन नाटकों को आप स्पोटिफाई, यूट्यूब, एप्पल पॉडकास्ट, गूगल पॉडकास्ट एवं मेंट्ज़ा एप्प पर सुन सकते हैं।
2023 में पूजा ने अपनी टीम के साथ अपने नए यूट्यूब चैनल Kiss-A-Tale यानी किस्सा-ठेल का लोकार्पण किया है। यहाँ आप स्वरबद्ध की गई कहानियाँ तथा रोचक ऑडियो ड्रामा सुन सकते हैं।
वे रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा आयोजित विश्व रंग कार्यक्रम की स्पेन प्रतिनिधि हैं एवं सन् 2020 से लगातार वैश्विक स्तर के ऑनलाइन कार्यक्रम देती आई हैं।

मद्रिद स्थित भारतीय राजदूतावास के साथ मिलकर इन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे कवि सम्मेलन, नाटक लेखन एवं निर्देशन इत्यादि भी आयोजित किए हैं। साथ ही अन्य प्रतिष्ठित स्वदेशी + विदेशी संस्थाओं द्वारा आयोजित विभिन्न ऑनलाइन हिंदी वेबिनार और अन्य साहित्यिक गतिविधियों में भी अपनी प्रस्तुति देते हुए सम्मिलित हुई हैं।
कोविड काल में इन्होंने चित्र बनाना सीखा। इन्होंने कई चित्र बनाकर अपने मित्रों को उपहार स्वरूप दिये हैं। अपने बनाए चित्रों में से एक चित्र इन्होंने विशेष तत्कालीन विदेश मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी के मद्रिद पधारने पर भारतीय राजदूतावास द्वारा आयोजित विशेष भोज के दौरान उन्हें भेंट किया ।

साल 2017 मैं भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मद्रिद प्रवास पर भारतीय वाणिज्यिक समूह द्वारा उन्हें हस्तलिखित पत्र सौंपा गया, जिसे अपनी हस्त लिपि में लिखने एवं ड्राफ्ट करने का सौभाग्य पूजा अनिल को प्राप्त हुआ।
अपनी संस्कृति से गहरा रिश्ता रखने वाली पूजा प्रति वर्ष गणेश उत्सव मनाने के लिए अपने हाथ से इको फ्रेंडली गणपति प्रतिमा बनाती हैं। अपने घर में मंडप सजाती हैं तथा नियमित आरती पूजन कर अपने बच्चों को भी भारतीय संस्कारों से परिचित करवाती हैं।

पूजा, मद्रिद में रेड क्रॉस स्पेन में वालंटियर के तौर पर अकेलेपन का जीवन जी रहे बुजुर्गों को साथ देने का निस्वार्थ कार्य भी करती थीं, जिससे उन्हें सर्वाधिक संतुष्टि प्राप्त हुई।

रैकी मास्टर पूजा रैकी द्वारा विश्व में कहीं भी निःशुल्क उपचार सहायता प्रदान करती हैं।

पूजा के अन्य शौक़ हैं बागवानी करना, पुस्तकें पढ़ना, गीत गाना, फ़ोटोग्राफ़ी और विविधतापूर्ण स्वादिष्ट भोजन पकाना।

बहुमुखी प्रतिभा की धनी पूजा का कहना है कि परिवार के साथ के बिना यह सब रचनात्मक कार्य कर पाना असंभव है। अपने पति एवं बच्चों को भी वे श्रेय देती हैं कि वे सदैव पूजा का साथ देते आये हैं। सृजनात्मक हिंदी संसार की एक पहचान बन चुकी पूजा सबसे पहले स्वयं को पूर्णकालिक गृहस्थिन ही मानती हैं और कहतीं हैं कि गृहिणियाँ हमारे समाज का सबसे ताकतवर स्तम्भ होती हैं, जिन्हें सबसे अधिक अनदेखा किया जाता है, जबकि होना यह चाहिए कि गृहिणियों को न केवल विशेष दर्जा दिया जाए बल्कि समय समय पर उनके द्वारा किए गए त्याग-समर्पण को सम्मानित भी किया जाए।

ब्लॉग: poojanil.blogspot.com

2 comments:

  1. पूजा के साथ जुड़ना अपना सौभाग्य समझती हूं। सर्वगुण सम्पन्न पूजा को इतने सारे कार्यों के लिए अनेक शुभकामनाएं वे सदा आगे भी कार्यरत रहें।

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  2. बहुमुखी प्रतिभा की धनी पूजा को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं... उनकी उपलब्धियों का कारवां निरंतर आगे बढ़ता रहे...

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